ब्रेस्ट कैंसर की पहचान में डॉक्टरों के मुकाबले तकनीकी ज्यादा कारगर

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान में डॉक्टरों के मुकाबले तकनीकी ज्यादा कारगर

सेहतराग टीम

पूरी दुनिया में तकनीक तेजी इस्तेमाल हो रही है। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का रोल अहम है। हो सकता है कि इससे आने वाले दिनों में डॉक्टरों के मुकाबले तकनीक पर निर्भरता बढ़ जाए। दरअसल गूगल हेल्थ की स्टडी के मुताबिक डाक्टरों के मुकाबले एआई ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने में ज्यादा कारगर साबित होता है। रिपोर्ट के अनुसार  ब्रेस्ट कैंसर का पता ह्यूमन रेडियॉलजिस्ट लगा पाए या ना लगा पाए लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इसका पता शुरूआती लक्षणों में ही लगा सकती है।

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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचानने में AI ने सफलता हासिल की-

एक कंपनी का दावा है कि ऐसा एआई मॉडल विकसित किया गया है, जो स्तन कैंसर होने की आशंका को ह्यूमन स्पेशलिस्ट्स से पहले ही पता लगा लेगा। यह ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है। क्योंकि  टेस्टिंग के दौरान सामने आया कि 6 ह्यूमन रेडियॉलजिस्ट की तुलना में एआई ने काफी आसानी से और बेहतर तरीके से मरीज में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों को पहचानने में सफलता हासिल की है।  गूगल इस विषय पर अपने यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट के क्लिनिकल रिसर्च पार्टनर्स के साथ मिलकर पिछले दो साल से स्टडी कर रहा है।

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भारत में प्रति 2.18 लाख आबादी पर केवल एक रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध-

पिछले साल ही ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जिसमे बताया गया था कि भारत में प्रति 2.18 लाख आबादी पर केवल एक रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध था। ऐसे में शोधकर्ता टीम को उम्मीद है कि एआई ऐसे मामलोंज्यादा में मददगार साबित हो सकेगा।

 

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